अनहेल्दी लाइफस्टाइल और ओवरवेट होना अर्थराइटिस (arthritis) का एक प्रमुख कारण है। समस्या तब और जटिल हो जाती है जब आप अर्थराइटिस (arthritis) के दर्द के कारण एक्सरसाइज नहीं कर पातीं। यानी दर्द, कमजोर जोड़ और बढ़ते वजन की ट्रिपल मार। मगर घबराएं नहीं, अपने शरीर की सुनें और ऐसी एक्सरसाइज चुनें जो आपके घुटनों और जोड़ों पर दबाव डाले बिना आपको फिट रहने में मदद करे। योगाभ्यास इसमें आपके लिए सबसे ज्यादा मददगार साबित हो सकता है। यहां हम उन 4 इफेक्टिव योगासनों (yoga poses to reduce arthritis pain) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
इस बारे में योग गुरू व आयुर्वेद अध्येता आचार्य प्रतिष्ठा का कहना है कि योग हमारे स्वास्थ्य को नवजीवन प्रदान करता है। उनके मुताबिक जोड़ों में होने वाले दर्द के इलाज के लिए यूं तो कई प्रकार के उपचार उपलब्ध है। मगर योगासनों को दिनचर्या में शामिल करके इस रोग की संभावना को कम किया जा सकता है। इसके अलावा इस रोग के कारण जोड़ों में होने वाली समस्या से भी मुक्ति मिल जाती है। जानते हैं अर्थराइटिस (arthritis) की समस्या को दूर करने के लिए किन योगासनों को करें अपने रूटीन में शामिल।
इन 4 योगासनों की मदद से कंट्रोल होगा अर्थराइटिस का दर्द (Yoga to reduce arthritis pain)
1. अग्निस्तम्भासन (Fire log pose)
अग्निस्तम्भासन को नियमित तौर पर करने से मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है। इससे पैरों को मज़बूती मिलती है। साथ ही पेल्विक फ्लोर मसल्स (pelvic floor muscles) को मज़बूती मिलती है। इसे करने से टांगों के मसल्स भी स्ट्रेच होते हैं। इसे करने से पहले बॉडी को वॉर्मअप करना ज़रूरी है।
इस योग को करने के लिए मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। गहरी सांस भरें और दोनों आंखों को बंद कर लें
इसके बाद दांए पैर को बाई थाइज़ पर टिका लें और बाएं पैर को दाईं थाइज के उपर रखें।
अब पीठ को एकदम सीधा करें और मैट पर घुटनों को चिपकाने का प्रयास करें।
दोनों बाजूओं को आगे की ओर खींचे और सिर को आगे झुकाते हुए चिन को जमीन पर टिकाएं।
30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस योग को करने के बाद धीरे धीरे सांस छोड़े और दोबारा से सुखासन की मुद्रा में आ जाएं।
अगर आपको जोड़ों में दर्द की शिकायत या फिर आप पहली दफा इस योगासन को कर रहे हैं, तो धीरे धीरे स्टेप्स को फॉलो करें।
2. नटराजासन योग (Lord of the dance pose)
शरीर के लचीलेपन (flexibility) को बनाए रखने के लिए नटराजासन का अभ्यास आवश्यक है। इसे करने से मानसिक और शारीरिक दोनों ही स्वास्थ्य उत्तम बने रहते हैं। इस योगासन की मदद से टांगों में होने वाली ऐंठन से बचा जा सकता है।
इस योग को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दाहिनी टांग को घुटने से मोड़ते हुए पीछे की ओर लेकर जाएं।
उसके बाद दाहिनी बाजू को पीछे की ओर लेकर जाते हुए दाएं हाथ से पैर को पकड़ लें।
अब बाएं हाथ को आगे की ओर रखें और नज़र को हाथ पर टिका कर रखें। इस दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें।
जब तक संभव हो इस मुद्रा में बने रहें। इस योगासन को करने के दौरान बॉडी का बैलेंस बनाए रखने के लिए दीवार का सहारा ले सकते हैं।
3. अनन्तासन (side reclining leg lift)
ज्वाइंट्स में बढ़ने वाली स्टिफनेस से बचने के लिए अनन्तासन एक बेहतरीन उपाय है। इस योगासन को करने के लिए
इस योग को करने के लिए जमीन पर लेट जाएं। पीठ के बल मैट पर लेटकर बाईं ओर मुड़ जाएं और दाई बाजू को सिर के नीचे टिकाकर रखें।
उसके बाद बाईं टांग को हवा में उठा लें और जितना संभव हो उपर की ओर खींचें। बाई बाजू को भी उपर की ओर करें।
अब उसी हाथ से पैर को अच्छी तरह से पकड़ लें। इस दौरान गहरी सांस लें और फिर छोड़े। कुछ देर इस मुद्रा में रहने के बाद सुखासन में लौट आएं।
इसके बाद अब दाईं टांग को उपर की ओर उठाएं और इस योग को दोहराएं। 3 से 4 सेटस रोज़ाना करने से जोड़ों में होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
जब तक संभव हो इस मुद्रा में बने रहें। इस योगासन को करने के दौरान बॉडी का बैलेंस बनाए रखने के लिए दीवार का सहारा ले सकते हैं।

4. अर्ध बद्ध पद्मोत्तानासन (Half bound Lotus standing forward bend)
इस योग को नियमित तौर पर करने से जोड़ों में होने वाले दर्द से बचा जा सकता है। इस हिप ओपनर योगासन से शरीर का लचीलापन बना रहता है। साथ ही इससे कोर मसल्स हेल्दी बने रहते हैं।
इस योग को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों टांगों को सीधा कर लें और पीठ व कंधों को भी स्ट्रेच करें।
अब दोनों हाथों को जमीन पर लगाएं। बाहिनी टांग को दाईं थाइज़ पर रखें। इसके बाद धीरे धीरे दाहिने हाथ से दाई टांग को पकड़ें।
बाहिने हाथ को पीछे से घुमाते हुए बाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें। इस योगासन को करने से पैरों को मज़बूती मिलती है।
अब सिर को नीचे की ओर झुकाकर जमीन की ओर देखें। इसके बाद दूसरे पैर से भी इसी योगासन को दोहराएं।
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