अनियमित दिनचर्या और असतुंलित खान पान धीरे धीरे पाचनतंत्र को प्रभावित करने लगते हैं। इसके चलते कभी ब्लोटिंग तो कभी एसिडिटी की समस्या का शिकार होना पड़ता है। हांलाकि कई प्रकार की दवाओं और घरेलू नुस्खों की मदद से हम अपने डाइजेशन को सुधारने का प्रयास तो करते हैं। मगर फिज़िकल एक्टिविटी की कमी के चलते वे समस्याएं बार बार शरीर को घेरती है। पाचनतंत्र को मज़बूत बनाए रखने के लिए योग एक बेहतरीन विकल्प है। दिनभर में कुछ देर योग करके पाचनतंत्र को मज़बूती प्रदान की जा सकती है। जानते हैं वो कौन से योगासन है, जो डाइजेस्टिव सिस्टम को बनाएंगे हेल्दी (Yoga poses for strong digestive system)।
इन योगासनों की मदद से पाचनतंत्र को बनाएं मज़बूत (Yoga poses for strong digestive system)
1. पदहस्तासन (Standing forward bend pose)
बेहतर पाचन के लिए पादहस्तासन योग बेहद कारगर साबित होता है। इसे करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जो पाचनतंत्र को मज़बूती प्रदान करता है। शरीर में रक्त प्रवाह नियमित होने से इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम की समस्या भी हल होने लगती है। रोज़ाना इसका अभ्यास शरीर को तंदरूस्त रखता है।
इस योग को करने के लिए मैट पर बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान दोनों पैरों को आपस में जोड़ कर रखें।
पीठ को सीधा कर लें और गहरी सांस लें। अब धीरे धीरे सांस छोड़ें और नीचे की ओर झुकें और ज़मीन की ओर देखें।
दोनों बाजूओं को सीधा कर लें और दोनों हथेलियों को जमीन पर मज़बूती से टिकाएं। इस दौरान घुटनें को भी मोड़ने से बचें।
योगाभ्यास के दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें। 10 से 15 सेकण्ड तक इसी मुद्रा में रहने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें।
इसे रोज़ाना दिन में दो बार अवश्य करें। इससे पैरों को भी मज़बूती मिलती है और कंधों का दर्द दूर होने लगता है।
2. उत्कटासन (Chair pose)
शारीरिक अंगों में होने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए उत्कटासन का अभ्यास आवश्यक है। इस योग के ज़रिए पेट संबधी समस्याओं से राहत मिलने के अलावा पेट के निचले हिस्से में होने वाले दर्द से भी राहत मिल जाती है। इससे पेल्विक फ्लोर मसल्स को भी मज़बूती मिलती है। साथ ही बॉडी में संतुलन बने लगता है।
इस योग को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब पैरों के पंजों को उपर उठाएं और शरीर को खींचें।
दोनों बाजूओं को कोहनियों से सीधा करते हुए उपर की ओर लेकर जाएं। इसके बाद बाजूओं को नीचे लेकर आएं और सामने रखें।
इसके बाद दोनों टागों को घुटनों से मोड़ते हुए बैठने की मुद्रा में आ जाएं। अब पंजों के बल पर नीचे बैठें। मगर हिप्स को जमीन से न छूएं।
अब सीधे खड़े हो जाएं और शरीर को नॉर्मल पोज़िशन में लेकर आएं। इस योग को दिन में 2 से 3 बार दोहराएं।

3. पवन मुक्तासन (Wind blow pose)
पाचन शक्ति को बढ़ाने और शरीर को तनाव मुक्त रखने के लिए दिनभर में कुछ देर योग करना फायदेमंद साबित होता है। पवन मुक्तासन को करने से खाने को पचाना आसान हो जाता है। इसके अलावा कमर दर्द की समस्या से भी राहत मिलती है। इस योग को करने से एसिडिटी की समस्या आसानी से हल हो सकती है।
इस योग को करने के लिए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। उसके बाद पीठ को एकदम सीधा कर लें और बाजूओं को भी कमर के साथ रखें।
अब दोनों को घुटनों से मोड़े और चेस्ट के पास लेकर आएं। टांगों को आपस में जोड़ लें। अब दोनों बाजूओं से टांगों को मज़बूती से पकड़ें।
धीरे धीरे गर्दन को भी आगे की ओर लेकर आएं। अब माथे को घुटनों से छूएं। 10 से 15 सेकण्ड तक इस मुद्रा में शरीर को रखें।
गहरी सांस लें और छोड़ें। इसके बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें और टांगों को सीधा करके मैट पर लेट जाएं।

4. नौकासन (Boat pose)
नौकासन का अभ्यास पीठ, कमर और टांगों को मज़बूती प्रदान करता है। इसके अलावा असंतुलित पाचन क्रिया भी सुचारू होने लगती है। योग को रूटीन में शामिल करके पाचनतंत्र को नियमित किया जा सकता है। इसके अलावा कब्ज, गैस और एसिडिटी की परेशानी को भी दूर करने में ये योग मददगार साबित होता है।
इस योग को करने के लिए मैट पर पीठ के बल सीधा लेंटे। कमर को सीधे रखें। अब टांगों को उपर की ओर खींचें।
अब दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ लें। उसे बाद गर्दन को उपर की ओर उठाएं और कमर तक शरीर को उठाने का प्रयास करें।
शरीर को बैलेंस बनाए रखने के लिए दोनों बाजूओं को एकदम सीधा रखें। इससे पेट की मांसपेशियां स्ट्रेच होने लगती है।
गहरी सांस लें और 25 से 30 सेकण्ड तक दसी मुद्रा में बने रहें। अब शरीर को ढ़ीला छोड़ दें और मैट पर लेट जाएं।
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