ब्लोटिंग (Bloating) और एसिडिटी (Acidity) के चलते कब्ज की शिकायत बढ़ने लगती हैं। कांस्टिपेशन (constipation) से राहत दिलाने के तो बहुत से आयुर्वेटिक नुस्खे (Ayurvedic remedies) हैं। अगर आप बॉडी को फिट एंड फाइन रखना चाहती हैं, तो इन योगासनों को अपने रूटीन में अवश्य शामिल करें। इससे कब्ज (constipation) की समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है। इससे मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से लेकर पेट में दर्द की समस्या दूर होने लगती है। जानते हैं कब्ज से राहत कें लिए कैसे करें ये 4 योगासन (Yoga for constipation)।
कब्ज की समस्या से दिलाएंगे मुक्ति ये 4 योगसन
1. सुप्त मत्स्येन्द्रासन (Supine twist)
पाचन संबधी समस्याओं को दूर करने के लिए सुप्त मत्स्येन्द्रासन एक बेहतरीन विकल्प है। इससे बॉडी में स्ट्रेचिंग और अंगों की टोनिंग में मदद मिलती है। दिनभर में दो बार इस योग को 30 सेकण्ड के लिए दोहराने से शारीरिक अंगों में महसूस होने वाली स्टिफनेस से राहत मिल सकती है।
जानें इस योग को करने का तरीका
इसे योग को करने के लिए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। आंखों को बंद कर लें और गहरी सांस लें।
उसके बाद दोनों टांगों को आपस में जोड़ते हुए हवा में उठाएं। अब टांगों को घुटनों से मोड़ते हुए पैरों को छाती से छूएं।
टांगों को सीधा करके दाएं पैर को बाएं घुटने पर रखें। इसके बाद अपने सिर को भी दाईं ओर मोड़ लें।
दाएं हाथ को भी सीधा करके रखें। वही बाएं हाथ को घुटने पर टिकाकर रख लें। इससे मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होने लगता है।
2. मत्स्यासन (Matsyasana)
कब्ज (constipation) की समस्या से रात दिलाने में ये योग बेहद फायदेमंद हैं। इससे शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को राहत मिलती है। फिश पोज़ को करने से मेंटल हेल्थ (mental health) से जुड़ी परेशानियां भी हल होने गलती है। इससे ओवरऑल बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) नियमित होने लगता है। इससे आप खुद को स्व्स्थ्स महसूस करने लगती हैं।
जानें इस योग को करने का तरीका
इस योग को करने के लिए सबसे पहले पद्मासन में बैठें। उसके बाद आंखों को बंद कर लें। अब धीरे धीरे पीछे की ओर अपने सिर को लेकर जाएं।
अपने सिर को ज़मीन पर लगाएं। वहीं छाती को उपर की ओर उठाएं। दोनों पैरों को ज़मीन पर ही टिकाएं रखे। गहरी सांस नें और छोडे़।
इससे मांइड रिलैक्स होता है। इस योग को 30 सेकण्ड तक करें और उसके बाद शरीर को सामान्य मुद्रा में लाकर कुछ देर रिलैक्स करें।
3. पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose)
इस योगासन को रोज़ करने से पीठ के मसल्स मज़बूत बनते हैं। शरीर एक्टिव रहता है और बॉडी में मौजूद एसिडिटी (acidity) की समस्या हल होने लगती है। पवनमुक्तासन डाइजेशन को नियमित करता है और पेंट में ऐंठन की परेशानी भी दूर होने लगती है।
जानें इस योग को करने का तरीका
इस योग को करने के लिए पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें और दोनों हाथों को फैलाकर रखें।
इसके बाद टांगों को उपर की ओर उठाएं और घुटनों से मोड़ते हुए छाती के पास रखें। अब दोनों हाथों को टांगों को कर लें।
आंखें बंद रखें और गहरी सांस लें। इसके बाद सिर को भी उपर की उठाएं। ध्यान रखें की पीठ का उपर हिस्सा जमीन को न छूए।

। चित्र : शटरस्टॉक
4. बालासन (Baby pose)
पैरों में होने वाले सुन्न्पन से लेकर मानसिक तनाव (stress) तक हर समस्या को इस येग के माध्यम से दूर किया जा सकता है। गलत खान पान और असंतुलित लाइफ स्टाइल के कारण पेट में गैस और ब्लोटिंग (bloating) की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में रोज़ाना 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक किया गया ये योगासन आपके पाचन को फायदा पहुंचाएगा और कब्ज भी समस्या हल हो जाएगी।
जानें इस योग को करने का तरीका
इस योग को करने के लिए मैट बिछाकर उस पर पैरों के बल बैठ जाएं। अब दोनों घुटनों पर अपने हाथ टिका नें। दोनों पंजों को भी आपस में मिलाएं।
इसके बाद अपने हिप्स को एड़ियों के उपर रखें। इससे टांगों को काफी राहत मिलती है। इसके बाद रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें।
अपने आंखों को बंद रखें और गहरी सांस लें। अब आगे की ओर झुकें और सिर को ज़मीन पर रखकर दोनों हाथों को सीधा कर लें।
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