Sunday, December 3, 2023
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saggy breast ke liye yogasanas,- सैगी ब्रेस्ट के लिए योगासन

उम्र और मोटापे के कारण ब्रेस्ट में ढीलापन आने लगता है। कई बार गलत ब्रा का चयन या नियमित तौर पर ब्रा न पहनना भी सैगी ब्रेस्ट (saggy breast) का कारण बन जाते हैं। वे महिलाएं, जो ब्रेस्ट के ढीलेपन से परेशान है। उन्हें अपने जीवन में वर्कआउट (workout) को शामिल करना चाहिएं और कुछ योगासनों को नियमित अभ्यास करना भी ज़रूरी है। जानते हैं वो 4 योगासन जो सैगी ब्रेस्ट की समस्या को सुलझाने में मददगार साबित होते हैं (Yoga poses to lift saggy breast)

क्यों लटकने लगते हैं स्तन

कंसल्टेंट ऑब्सेटेट्रिशन और गाइनो डॉ सुरभि सिद्धार्थ कहती हैं कि धूम्रपान, गलत पोस्चर और ब्रेस्टफीडिंग समेत कई कारणों से महिलाओं को सैगी ब्रेस्ट की समस्या से जूझना पड़ता है। फैट और टिश्यू से बनी ब्रेस्ट को कूपर लिगामेंट की मदद से फर्म यानि गठीला रखा जाता हैं। कूपर लिगामेंट में आने वाले ढीलेपन के कारण महिलाएं सैगी ब्रेस्ट की समस्या का शिकार हो जाती हैं।

किसी भी आर्टिफिशियल ट्रीटमेंट से बेहतर है योग

ब्रेस्ट टाइटनिंग (breast tightening) के लिए एक्सरसाइज़ को रूटीन में एड करना ज़रूरी है। रोज़ाना कुछ देर के योगाभ्यास से इस समस्या को हल किया जा सकता है। इसके लिए रूटीन में धुनरासन, चक्रासन और त्रिकोणासनों समेत कई योगासनों को सम्मिलित कर सकते हैं।

एमडी, डीएनबी, एफएनबी, जे के हास्पिटल, जनकपुरी, कंस्लटेंट, डॉ शिवानी सिंह कपूर का कहना है कि कम उम्र में लड़किया अच्छे लुक के लिए ब्रेस्ट सर्जरी करवाना चाहती है। मगर उन्हें शेपर्स के प्रयोग की सलाह दी जाती है। इसके अलावा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी ब्रेस्ट सर्जरी के कारण लेक्टेशन में परेशानी से होकर गुज़रना पड़ सकता है।

ब्रेस्ट के आकर को कम करने के लिए कुछ व्यायाम। चित्र- अडोबी स्टॉक

सैगी ब्रेस्ट फिर से फर्म और टाइट बनाने में मददगार हो सकते हैं ये 4 योगासनों (Yoga poses to lift saggy breast)

1. वृक्षासन (Tree pose)

सैगी ब्रेस्ट (saggy breast) को दोबारा शेप में लाने के लिए मांसपेशियों के ढ़ीलेपन को दूर करना आवश्यक है। वृक्षासन को रोज़ाना करने से मसल्स को मज़बूती मिलती है। इससे हार्मोंस भी बैलेंस हो जाते हैं। वे बच्चे जिनकी हाइट बढ़ने में देरी होती हैं। उन्हें भी इस सोग को राज़ाना करना चाहिए।

इस योग को करने की विधि

इस योग मुद्रा को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब एक टांग को घुटने से मोड़कर दूसरी टांग की इन्नर साइड को छूएं।

दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में ले आएं और आंखों को बंद रखें। इस योग को करने के दौरान गहरी सांस लें और धीरे धीरे छोड़ें।

30 सेकण्ड से लेकर 1 मिनट तक इस योग को करने का अभ्यास करें। 2 से 3 बार इस योग को करने से शरीर की मांसपेशियों में कसावट महसूस होने लगती है।

वृक्षासन को रोज़ाना करने से मसल्स को मज़बूती मिलती है।

2. धनुरासन (Bow pose)

रोज़ाना करने से मसल्स में कसावट महसूस होने लगेंगी। इससे ब्रेस्ट का ढ़ीलापन धीरे धीरे कम होने लगता है और शरीर मज़बूत बनता है। साथ ही कंधों और बाजूओं की मांसपेशियों में होने वाली स्टिफनेस से राहत मिल जाती है। इससे पूरे शरीर के मसल्स स्ट्रेच होने लगते हैं।

इस योग को करने की विधि

इस योग को करने के लिए मैट पर सुखासन में बैठ जाएं। अब पेट के बल ज़मीन पर सीधे लेट जाएं। दोनों पैरों के मध्य दूरी को बनाकर रखें।

अब दोनों टांगों को उपर की ओर उठाएं। इसके बाद दोनों हाथों से पैरों को पकड़ लें। अब शरीर को आगे से उपर की ओर उठाने की कोशिश करें।

गर्दन को उपर की ओर रखें और छल की ओर देखें। 15 से 30 सेकण्ड तक इस मुद्रा में रहने के बाद कुछ देर शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। इस योग को 2 से 3 बार दोहराएं।

3. उष्ट्रासन (Camel pose)

सैगी ब्रेस्ट (saggy breast) के अलावा ये योगासन फेफड़ों के स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचाता है। इसे रोज़ाना करने से पाचन संबधी समस्याएं हल होने लगती है और वेटलॉस (weight loss) में भी फायदेमंद सिद्ध होता है। वे लोग जो अनियमित पीरियड साइकिल (period cycle) से परेशान हैं। ये योग उनके लिए भी लाभप्रद है।

इस योग को करने की विधि

घुटनों के बल  मैट पर बैठ जाएं। उसके बाद दोनों पैरों के पंजों में दूरी बनाकर रखें और पैर सीधे रखें।

अब बाजूओं को पीछे की ओर ले जाएं और पैरों को कपड़ लें। गर्दन को पीछे की ओर लेकर जाएं। अपना पूरा ध्यान सांस पर केंद्रित करें।

गहरी सांस लें और छोड़ें। ध्यान दें कि गर्दन को ज्यादा पीछे की ओर न ले जाएं। अन्यथा झटके का खतरा रहता है।

योगासन को 2 से 3 बार 30 सेकण्ड के लिए दोहराएं।

Saggy braest se bachaye yeh yogasan
सैगी ब्रेस्ट के अलावा ये योगासन फेफड़ों के स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचाता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4. त्रिकोणासन (triangle pose)

स्किन के ढीलेपन को दूर करने के लिए त्रिकोणासन करें। इस योगासन को करने से पीठ में दर्द और ऐंठन दूर होती है। साथ ही पैरों और बाजूओं की मज़बूती बढ़ने लगती है।

इस योग को करने की विधि

मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को कमर पर टिका लें। इसके बाद दोनों पैरों के बीच में गैप मेंटेन करें।

अब दोनों बाजूओं को खोल लें। गहरी सांस लें और दाहिने हाथ से दाहिने पैर को छूएं। उसके बाद बाहिने हाथ को उपर की ओर ले जाएं।

गर्दन को दाहिनी ओर मोड़े और हथेली को देखें। इसके बाद खड़ी हो जाएं और फिर बाहिनी बाजू से बाहिने पैर को पकड़ें। इस प्रक्रिया को दिन में 4 से 5 बार करें।

ये भी पढ़ें- इन 4 ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ से बढ़ाएं फेफड़ों की क्षमता, नहीं होंगी श्वसन संबंधी समस्याएं

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