Friday, December 8, 2023
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This Fake App Of Telegram Will Make You Bankrupt T Looks Like The Real Thing Know How To Identify It

Fake Telegram App : स्मार्टफोन में आप अपनी जरूरत के लिए रोजाना नए-नए ऐप डाउनलोड करते हैं, जिसमें सोशल मीडिया के ऐप, इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप और न जाने कौन-कौन से ऐप शामिल होते हैं, लेकिन हाल ही में टेलीग्राम ऐप को लेकर एक अलर्ट जारी हुआ है, जिसमें बताया गया है कि टेलीग्राम से मिलता जुलता एक ऐप यूजर्स का डेटा चुरा रहा है.

अगर आपके भी मोबाइल में टेलीग्राम ऐप है, तो आपको पहली फुर्सत में इसकी जांच कर लेनी चाहिए. नहीं, तो कहीं ऐसा ना हो कि आपका अकाउंट खाली हो जाए और आपकी कुछ जरूरी जानकारी लीक हो जाए, जिसके बाद आपको ब्लैकमेल किया जाए. आइए जानते हैं इस फर्जी टेलीग्राम ऐप के बारे में. 

कैसे चला इस ऐप के बारे में पता

साइबर-सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट की मोबाइल रिसर्च टीम के अनुसार, टेलीग्राम जैसा दिखने वाला यह मॉडिफाइड वर्जन ऐप यूजर की जानकारी के बिना अलग-अलग पेड सब्सक्रिप्शन के लिए साइन अप कर सकता है, इन-ऐप खरीदारी कर सकता है और लॉगिन क्रेडेंशियल भी चुरा सकता है यानी आपका अकाउंट साफ कर आपको कंगाल कर सकता है.

दिखने में हूबहू ओरिजनल ऐप जैसा

मैलवेयर खुद को टेलीग्राम मैसेंजर वर्जन 9.2.1 के रूप में छिपाता है. इसमें समान पैकेज नाम (org.telegram.messenger) और ओरिजनल टेलीग्राम ऐप के समान आइकन है. लॉन्च होने पर, यूजर को टेलीग्राम ऑथेंटिकेशन स्क्रीन दिखाई जाती है और इसके बाद फोन नंबर दर्ज करने और अलग-अलग परमिशन देने के लिए कहा जाता है. शोधकर्ताओं ने कहा, “यह प्रोसेस हूबहू ओरिजनल टेलीग्राम मैसेंजर ऐप की रियल ऑथेंटिकेशन प्रोसेस जैसी ही लगती है. यूजर के पास यह संदेह करने का कोई कारण नहीं रहता कि डिवाइस पर सामान्य से कुछ भी अलग हो रहा है.”
 

फोन में घुसते ही यह काम करता है मैलवेयर

फोन में इंस्टॉल होने के बाद, मैलवेयर डिवाइस की जानकारी इकट्ठा करता है, एक कम्युनिकेशन चैनल सेट करता है, एक कॉन्फिगरेशन फ़ाइल डाउनलोड करता है, और रिमोट सर्वर से पेलोड प्राप्त करने का इंतजार करता है. इसकी मलिशियस कैपेबिलिटी में अलग-अलग पेड सब्सक्रिप्शन के लिए यूजर को साइन अप करना, यूजर के एसएमएस और फोन नंबर का उपयोग करके इन-ऐप खरीदारी करना, विज्ञापन दिखाना (बैकग्राउंड में चलने वाले अदृश्य विज्ञापनों सहित), और लॉगिन क्रेडेंशियल और अन्य यूजर और डिवाइस जानकारी चुराना शामिल है.

सेफ रहने के लिए करें ये काम

टीम में कहा “अपने ऐप्स को हमेशा विश्वसनीय सोर्स से डाउनलोड करें, चाहे वह ऑफिशियल वेबसाइट हों या ऑफिशियल ऐप स्टोर और रिपॉजिटरी हों. डाउनलोड करने से पहले वेरिफाई करें कि ऐप के ऑथर और क्रिएटर कौन है. आप डाउनलोड करने से पहले पिछले यूजर्स के कमेंट और रिव्यू भी पढ़ सकते हैं.”

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